बिहार बॉक्सिंग के बदहाली की दास्तान भाग 4
बिहार बॉक्सिंग के बदहाली की दास्तान भाग 4। मित्रों आपने मेरे पिछले लेखों को अधिक से अधिक शेयर किया एवं अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दी इसके लिए मैं आप सब का हृदय से आभारी हूं। इसी क्रम में देश के विभिन्न कोणों से मुझे संदेश प्राप्त हुए जिसमें मेरे मित्रों ने यह जानना चाहा कि आखिर राजीव कुमार सिंह की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह भारतीय रेल में टीटी होने के अलावा भी विभिन्न खेलों में इतने सारे पदों पर बने हुए हैं साथ ही साथ गैस एजेंसी भी ले रखा है। इसी प्रश्न का उत्तर ढूंढते हुए मैंने अनुसंधान किया जिसके उपरांत मुझे यह पता चला कि यह व्यक्ति नशे का आदी है आमतौर पर लोगों को शराब का या सिगरेट का नशा होता है जिस लत को छुड़ाने के लिए उन लोगों को नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाता है परंतु राजीव कुमार सिंह को पैसों का नशा है और दुर्भाग्यवश इस नशे का कहीं भी कोई नशा मुक्ति केंद्र नहीं है जहां हम इनका इलाज करवा सकते हैं। तो चलिए इसी क्रम में राजीव कुमार सिंह के बारे में और भी कुछ बातें जानेंगे। बिहार के खिलाड़ी किसी वजह से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले पदक जीतने