बिहार बॉक्सिंग के बदहाली की दास्तान भाग- 2

नमस्कार मित्रों जैसा कि मैंने पिछले लेख में बताया था कि बिहार में बॉक्सिंग खेल की बदहाली के लिए अगर कोई शख्स जिम्मेदार है तो वह है राजीव कुमार सिंह, तो चलिए आज अपने इस लेख में मैं आपको राजीव कुमार सिंह का एक छोटा सा जीवन परिचय देता हूं।
जैसा कि आप सब जानते हैं कि यह बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव हैं इसके अलावा यह बिहार जंप रोप एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, पटना जिला कबड्डी संघ के सचिव हैं, रेलवे टीम के एन.आई.एस कोच हैं,
बिहार कबड्डी टीम के भी कोच हैं, कटिहार और पटना जिला के भी कबड्डी कोच हैं, प्रॉपर्टी डीलर है, भारत गैस एजेंसी के मालिक हैं (धर्म पत्नी के नाम पर एजेंसी लिया है), रेलवे में टीटी के पद पर भी कार्यरत हैं, इतना ही नहीं इसके अलावा एक दर्जन और भी पद हैं जो यह संभाल रहे हैं, यह जानबूझकर ऐसा नहीं कर रहे हैं, यह इनकी मजबूरी है क्योंकि संपूर्ण बिहार में इनके जैसा कोई दिव्य पुरुष आज तक पैदा ही नहीं हुआ है, चूँकि बाकी लोगों में योग्यता नहीं है इसलिए मजबूरी में यह सारे पद संभाल रहे हैं। यह बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं, मुझे तो आश्चर्य होता है कि एक जीवन काल में कोई इतना विलक्षण गुण संपन्न मनुष्य कैसे हो सकता है ? आमतौर पर देखा जाता है कोई व्यक्ति एक या दो गुणों में निपुण रहता है लेकिन राजीव कुमार सिंह ने तो निपुणता की सारी पराकाष्ठा ही पार कर दी है।
मैंने लोगों से सुना है कि राजीव कुमार सिंह कबड्डी में एशियन गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता भी है। साथ ही यह भी सुना है इस प्रतियोगिता में वह अपनी योग्यता के आधार पर नहीं बल्की पैरवी के आधार पर गए थे जबकि इनसे कहीं अधिक योग्य खिलाड़ी यहीं बिहार में ही रह गए, इतना ही नहीं मैंने तो यह भी सुना है कि उस एशियाड प्रतियोगिता के एक भी कबड्डी मैच में यह एरिना में उतरे ही नहीं और स्वर्ण पदक विजेता हो गए। मित्रों मुझे बहुत खुशी होगी अगर राजीव कुमार सिंह साक्ष्य के साथ मेरी इन सब बातों का खंडन करते हैं। मित्रों, कबड्डी में इस तरह की पैरवी वाली व्यवस्था बहुत दिनों से चली आ रही है जिसको हूबहू अब बॉक्सिंग में भी राजीव कुमार सिंह ने उतार दिया है। यहां पर आपको नेशनल खेलने के लिए योग्यता की जरूरत नहीं है, अगर आप राजीव कुमार सिंह के घर की सब्जी लाते हैं, वहां झाड़ू लगाते हैं और सिलेंडर उठाते हैं, उसके घर एवं कार्यालय में नौकरों की तरह काम करते हैं तो ही आप नेशनल खेलने जा सकते हैं अन्यथा आपको भगवान भी नेशनल नहीं भेज सकते।
प्यारे मित्रों राजीव कुमार सिंह का यह जीवन परिचय आप लोगों को जानना बहुत आवश्यक है क्योंकि इससे आपको आने वाले लेखों को अधिक सरलता से समझने में आसानी होगी।
 अंत में आप सबसे एक प्रश्न के साथ आज के लिए विदा लेता हूं,
 क्या आपने अपने जीवन में इतने अधिक विलक्षण गुण किसी एक मनुष्य में कहीं देखा है तो उसका नाम कमेंट बॉक्स में लिखें?
धन्यवाद।

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